दोस्तों, मार्केट में जितने भी कॉइन निकले हैं उनमें से बहुत कम ही ऐसे कॉइन हैं जो कि बहुत ज्यादा पुराने हो। अगर मैं सबसे पुराने कॉइन की बात करूं तो यह तो सभी को पता होगा कि वह बिटकॉइन है। लेकिन क्या आपको पता है कि बिटकॉइन के बाद 2011 में एक और कोई निकाला गया था जिसका नाम लाइटकॉइन है। इस कोइन का नाम आपने सुना तो जरूर होगा लेकिन इस कोइन के बारे मे ज्यादातर लोग जानकारी के नाम पर इतना ही जानते हैं कि लाइटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है।

आप इस लेख को पढ़ रहे हैं तो मुझे पक्का यकीन है कि आप भी इस कॉइन के बारे में जानने आये है। तो दोस्तों अगर आप लाइटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस लेख को आखिर तक पढ़ना क्योंकि इस लेख में मैं आपको लाइटकॉइन के बारे में सारी जानकारी देने वाला हूं। जैसे की लाइट कोइन क्या है(What is Litecoin in Hindi), इसे किसने बनाया है(Who create litecoin in Hindi), इसका इस्तेमाल क्या है(Usage of Litecoin in Hindi), यह कितने हैं(Total number of litecoin in Hindi), इसकी कीमत क्या है और आखिर में हम जानेंगे कि लाइटकॉइन और बिटकॉइन में क्या अंतर है। 

लाइट कॉइन क्या है ?(What is lite coin in hindi)

यह एक प्रकार का Cryptocurrency है जिसका उपयोग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से देश सुरक्षित और कम लागत वाली भुगतान करने के लिए किया जाता है। लाइट कॉइन को Github द्वारा 7 अक्टूबर 11 को बनाया गया था। जिसे कुछ दिन बाद यानी 13 अक्टूबर 2021 को लाइव कर दिया गया था। यह व्यापारियों के बीच स्वीकृति प्रदान करता है और प्रचलन तेजी से बढ़ाता है। Litecoin अन्य पेमेंट सिस्टम के तरह ही काम करता है। इस प्रणाली के माध्यम से देश के लोग अन्य लोगों को पैसा भेजने में सक्षम रहते हैं। यह एक प्रकार से ब्लॉक चीन की तरह कार्य करता है जो सभी ट्रांजेक्शन को आसानी से पूरा करता है। Litecoin की पूरे विश्व में अलग ही पहचान है।

लाइट कॉइन किसने बनाया ?

लाइटकोइन को चाल्स ली  नामक कंप्यूटर साइंटिस्ट के द्वारा बनाया गया है। चार्ल्स साल 2000 में गूगल के लिए काम किया करते थे। इनका काम गूगल में कोडिंग का था और यह क्रोम ओएस के लिए कोड लिखा करते थे। लेकिन जब इन्होंने बिटकॉइन के बारे में जाना तो इनकी रूचि बिटकॉइन में बढ़ने लगी। और इसके बाद ही इन्होने लाइटकोइन को बनाया और पहले खुद 150 लाइटकॉइन माइन करें उसके बाद उसको पब्लिक कर दिया। ली के द्वारा लाइटकोइन को बनाने का उद्देश्य बिटकॉइन  से टक्कर लेना नहीं था बल्कि उनका उद्देश्य बस इतना ही था। कि जहां बिटकॉइन में इतनी सारी ट्रांजैक्शन होती है वही लाइट कोइन के अंदर भी छोटी मोटी ट्रांजैक्शन तो हो ही सकती है।

लाइट कॉइन की इतिहास

लाइटकोइन को 7 अक्टूबर 2011 में “चार्ल्स ली” नामक कंप्यूटर साइंटिस्ट के द्वारा Github के ऊपर रिलीज किया गया था। और यह कॉइन 13 अक्टूबर 2011 में लाइव हुआ था। इस कोइन को बनाने का मुख्य कारण यही था कि लाइटकोइन के डेवलपर चार्ल्स ली, बिटकॉइन की तरह ही एक चांदी के रंग में एक क्रिप्टोकरंसी निकालना चाहते थे। अगर हम लाइट कोइन के काम करने की बात करें तो यह बिटकॉइन से ना तो ज्यादा भिन्न है और ना ही उसके सामान्य।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण यही है कि जहां बिटकॉइन SHA-256 एल्गोरिदम को इस्तेमाल करता है वही लाइटकोइन  इसकी जगह Scrypt एल्गोरिदम को इस्तेमाल करता है। और अगर हम लाइटकोइन के GUI की बात करें तो वह भी बिटकॉइन से काफी ज्यादा बेहतर है।

लाइटकॉइन के लिए साल 2013 बहुत ही अच्छा साबित हुआ था। यह इसलिए क्योंकि नवंबर 2013 में लाइटकॉइन की कीमत रातों-रात 24 घंटे के अंदर 100% से बढ़ गई थी। जिसकी वजह से यह बहुत ज्यादा चर्चा में भी आ गया था। और मई 2017 में लाइटकोइन दुनिया का पहला ऐसा क्रिप्टोकरंसी नेटवर्क बन चुका था जिसने लाइटनिंग नेटवर्क की मदद से 1 सेकंड के अंदर Zürich से San Francisco में 0.00000001 LTC लाइटकोइन ट्रांसफर किया था। 

लाइट कॉइन कितने है ?

कॉइन मार्केट वेबसाइट के अनुसार लाइटकॉइन की टोटल सप्लाई 66,752,415 लाइटकॉइन है। और अगर हम इसकी मैक्सिमम सप्लाई की बात करें तो वह 84,000,000 लाइट कोइन है। लाइट कोइन की सर्कुलेटिंग सप्लाई इस समय 66,752,414.52 LTC है।

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